- सब्र और बर्दाश्त (Patience & Tolerance) – ऐसा हौसला और बरदाश्त जो किसी भी नादान या बेवकूफ इंसान के गलत रवैये को सुकून और अक्लमंदी के साथ हैंडल कर सके। सब्र का मतलब सिर्फ बर्दाश्त करना नहीं, बल्कि दिल को बड़ा रखना और हालात को सही तरीके से डील करना है। यहां "जिहालत" का मतलब सिर्फ इल्म की कमी नहीं, बल्कि अक्ल और समझदारी की भी कमी है। इसलिए अगर कोई शख्स नादानी या बेवकूफी में गलत बिहेव करे, तो उसे गुस्से से जवाब देने के बजाय सब्र और समझदारी से हैंडल करना चाहिए, वरना मामला झगड़े और फसाद तक पहुंच सकता है।
- लोगों के साथ अच्छा बिहेवियर (Good Behavior with People) – दूसरों के साथ मोहब्बत, नर्मी और अच्छे अख़लाक़ से पेश आना।एक अच्छा इंसान वही है जो लोगों के साथ अच्छा बिहेव करे, उनकी रिस्पेक्ट करे और अपने अच्छे बर्ताव से उनके दिल जीत ले। एक मोमिन का फर्ज़ है कि वो हर किसी से सलीके से पेश आए और अपने अख़लाक़ से लोगों को इस्लाम की हकीकी तालीमात दिखाए।
- परहेज़गारी और तक़वा (Piety & Self-Control) – ऐसी परहेज़गारी जो इंसान को गुनाहों से रोक सके। तक़वा सिर्फ बाहर के गुनाहों से बचने का नाम नहीं, बल्कि अंदर से भी खुद को बुरे ख़यालात और बुरी नियत से पाक रखने का नाम है। एक सच्चा मोमिन हर उस चीज़ से दूर रहता है जो उसे अल्लाह की नाफरमानी की तरफ ले जाए।
ये तीन चीज़ें – सब्र, अच्छा अख़लाक़ और तक़वा – ही इंसान को सच्चा मोमिन बनाती हैं और दुनिया और आख़िरत की कामयाबी की गारंटी देती हैं।
